बिहार में 22 लाख मृत वोटर का खुलासा – चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई शुरू

Bihar map with faded voter IDs

Key Highlights

  • भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान बिहार मतदाता सूची में 22 लाख मृत मतदाताओं की पहचान की।
  • लगभग 35 लाख मतदाता बिहार से स्थायी रूप से पलायन कर गए पाए गए।
  • लगभग 7 लाख मतदाताओं की पहचान कई स्थानों पर डुप्लिकेट पंजीकरण वाले मतदाताओं के रूप में की गई।
  • कुल 1.2 लाख मतदाता गणना प्रपत्र जमा नहीं किए गए, जिससे प्रक्रिया में देरी हो रही है।
  • बिहार मतदाता सूची का मसौदा 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाला है।
  • राजनीतिक दलों को पहले ही 65.2 लाख मतदाताओं की सूची उपलब्ध करा दी गई है, जिन्हें हटाया जाना है, जिनमें मृत, पलायन कर चुके और डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ शामिल हैं।

Introduction

चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की मदद से अब बिहार मतदाता सूची में बदलाव किया जा रहा है। यह कार्य मतदाता रिकॉर्ड को अद्यतन करने और उनमें किसी भी त्रुटि को ठीक करने के लिए किया जा रहा है। अब तक लगभग सभी मतदाता, लगभग 99.8%, शामिल किए जा चुके हैं। इस प्रक्रिया के दौरान लोगों ने पाया कि सूची में लगभग 22 लाख नाम ऐसे मतदाताओं के हैं जिनका निधन हो चुका है। विशेष गहन पुनरीक्षण से रिकार्ड को स्वच्छ, स्पष्ट एवं सही बनाने में मदद मिलेगी। यह डुप्लिकेट नामों को हटा देगा और पुरानी जानकारी को ठीक कर देगा। नई सूची का मसौदा जल्द ही सामने आएगा ताकि हर कोई इसकी ईमानदारी को देख और परख सके।

चुनाव आयोग की रिपोर्ट में 22 लाख मृत मतदाताओं का खुला

नाव आयोग की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार की वोटर लिस्ट में 22 लाख ऐसे लोग हैं जो अब नहीं रहे। यह जानकारी Special Intensive Revision अभियान की पहली रिपोर्ट में सामने आई है। इस प्रक्रिया का मकसद सिर्फ सूची को ठीक करना नहीं, बल्कि आगे होने वाले चुनावों के लिए बेहतर तैयारी करना भी है।

इस खास प्रक्रिया में सिर्फ मृत मतदाता ही नहीं मिले। इसमें उन लोगों को भी देखा गया है, जो हमेशा के लिए राज्य छोड़ चुके हैं। ऐसे लोगों की संख्या 35 लाख है। इसके साथ ही 7 लाख नाम ऐसे मिले हैं, जो एक से ज्यादा बार लिखे गए हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि ऐसे सभी गलत नामों को लिस्ट से हटाना सबसे जरूरी काम होगा। इससे राज्य में चुनाव ठीक से और साफ तौर पर कराना आसान हो जाता है।

वोटर लिस्ट स्पेशल रिवीजन के दौरान मिली प्रमुख विसंगतियाँ

Special Intensive Revision के दौरान कई महत्वपूर्ण विसंगतियाँ उजागर हुईं। इनमें से हर एक का समाधान बेहद जरूरी है ताकि वोटर लिस्ट को सही बनाया जा सके।

विसंगति का प्रकारप्रभावित मतदाताओं की संख्या
मृत मतदाता22 लाख
स्थायी प्रवासी35 लाख
डुप्लीकेट पंजीकरण7 लाख

इन विसंगतियों के पीछे अहस्ताक्षरित या अपूर्ण प्रपत्रों के जमा होने की समस्या भी है। अभी तक 1.2 लाख गणना प्रपत्र लंबित हैं, जो लिस्ट में गलतियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इस वजह से यह सवाल उठता है कि वोटर लिस्ट में सुधार के लिए और कितने प्रयास किए जाने जरूरी हैं।

यह प्रक्रिया मतदाता सूची को पारदर्शी और सटीक बनाने में कितनी सफल होगी, यह आगामी रिपोर्ट पर निर्भर करता है।

मृत मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया और चुनौतियाँ

मृत मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाने का काम कुछ हिस्सों में पूरा किया जाता है। सबसे पहले, स्थानीय BLOs यानी Booth Level Officers जाकर जांच करते हैं। फिर, मृत्यु प्रमाणपत्र या जरूरी दस्तावेज चुनाव आयोग को जमा किए जाते हैं।

लेकिन, इस काम में बहुत सी दिक्कतें आती हैं। गाँवों में अक्सर मौत की जानकारी कही दर्ज नहीं होती और सही अपडेट भी नहीं रहता। लोग एक जगह से दूसरी जगह चले जाते हैं, जिससे खबर अधूरी रह जाती है।

आखिर में, चुनाव आयोग को डिजिटल सिस्टम को बेहतर बनाना चाहिए और आम लोगों का साथ भी जरूरी है। इन सारी दिक्कतों के बीच, पारदर्शिता कायम रखना सबसे बड़ी चीज है। यह लगातार कोशिश Bihar voter list को बिना गलती के रखने में मदद करेगी।

Conclusion

इस ब्लॉग के जरिए हमने बिहार में 22 लाख मृत वोटरों की हालत पर पूरी तरह से बताया है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट ने इस बड़ी परेशानी को सबके सामने रखा है। अब यह मामला लोकतंत्र की सच्चाई और खुलेपन से जुड़ गया है। मृत वोटरों के नाम लिस्ट से हटाने में कई मुश्किलें आती हैं। इससे पता चलता है कि हमें अपने वोट देने के सिस्टम को ठीक करने की जरूरत है। जो लोग यहां रहते हैं, उन्हें भी इस काम में भाग लेना चाहिए। इससे चुनाव करना सही और भरोसेमंद हो सकता है। अगर आप इस बारे में और जानना चाहते हैं या आपको कोई जानकारी चाहिए, तो आप हमसे बात कर सकते हैं।

चुनाव आयोग का दावा: बिहार में 22 लाख मृत मतदाता हैं

चुनाव आयोग ने खुलकर बताया है कि बिहार की वोटर लिस्ट में करीब 22 लाख मृत मतदाता मिले हैं। यह जानकारी Special Intensive Revision अभियान के तहत सामने आई, जिसे राज्य के हर इलाके में चलाया गया था।

इस जांच में 35 लाख लोग ऐसे भी मिले हैं जिन्होंने यहाँ से हमेशा के लिए पलायन कर लिया है। इसके अलावा 7 लाख डुप्लीकेट नाम भी मिले हैं। आयोग ने अब तक 99.8% मतदाताओं को जांच लिया है। इसका मकसद है कि पूरी वोटर लिस्ट सही और नई बनी रहे।

इस जरूरी कदम से चुनाव की प्रक्रिया में साफ-सुथरा काम होने में और गलतियों को दूर करने में मदद होगी। चुनाव आयोग का यह फैसला राज्य के लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाएगा।

Frequently Asked Questions

बिहार में मृत मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कैसे हटाए जाते हैं?

वोटर लिस्ट से मृत मतदाताओं के नाम हटाने के लिए BLO पहले मृत्यु रिकॉर्ड देखता है। वे उसका जांच भी करता है और प्रमाणपत्र को देखता है। इसके बाद चुनाव आयोग नाम को सूची से हटा देता है। यह सब डेटा को सही रखने के लिए किया जाता है।

चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करने में कितना समय लगता है?

मतदाता सूची को अपडेट करने का काम कई कदम में होता है। चुनाव आयोग इसको पूरा करने के लिए आमतौर पर 3-4 महीने लेते हैं। इस दौरान वे सत्यापन, कागजों की जांच, और लिस्ट के अंतिम रूप को निकालने जैसे काम करते हैं।

क्या आम नागरिक भी मृत या डुप्लीकेट मतदाताओं की शिकायत दर्ज करा सकते हैं?

Yes, the common people can file a complaint to the Election Commission through the e-service site or by going to the local BLO office. They can give details about dead voters and duplicate names with a certificate to the commission.

वोटर लिस्ट संशोधन के बाद मतदाताओं को क्या करना चाहिए?

वोटर लिस्ट का संशोधन होने के बाद, हर मतदाता को नई लिस्ट जरूर देखनी चाहिए। जब आप लिस्ट देखेंगे, अगर आपका नाम वहां नहीं है या उसमें कोई गलती है, तो आपको ERO फॉर्म भरना चाहिए। यह जरूरी है, ताकि आगे चलकर आपका नाम सही तरीके से वोटर लिस्ट में रहे। सही नाम होने से आप अपना वोट देने का हक सही समय पर पा सकते हैं।

22 लाख मृत मतदाताओं के नाम हटने से चुनाव प्रक्रिया पर क्या असर पड़ेगा?

22 लाख मृत मतदाताओं के नाम हटने से अब चुनाव की प्रक्रिया ज्यादा साफ और भरोसेमंद होगी। इस मुद्दे की वजह से फर्जी मतदान के मौके भी कम होंगे। इससे Bihar voter list और अब सटीक हो जाएगी और इसमें गलती के मौके भी घटेंगे।

Leave a Comment