एसएसी परीक्षा को लेकर स्टूडेंट और टीचर्स का विरोध प्रदर्शन

ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली में तकनीकी खामियां ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली में तकनीकी खामियां

भारत में सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले लाखों छात्रों के लिए स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) की परीक्षाएं एक महत्वपूर्ण सोपान हैं। हालांकि, हाल के दिनों में एसएससी परीक्षा प्रणाली को लेकर छात्रों और शिक्षकों के बीच व्यापक असंतोष देखा जा रहा है। इस असंतोष ने विरोध प्रदर्शनों का रूप ले लिया है, जिसमें छात्र संगठनों और शिक्षक संघों ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुधार की मांग को लेकर आवाज उठाई है। इस लेख में हम एसएससी परीक्षाओं को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के कारणों

विरोध प्रदर्शन के प्रमुख कारण

1. परीक्षा पैटर्न में बार-बार बदलाव

एसएससी द्वारा पिछले कुछ वर्षों में परीक्षा पैटर्न में कई बदलाव किए गए हैं, जिससे छात्रों को तैयारी करने में दिक्कतें आ रही हैं। कुछ छात्रों का मानना है कि ये बदलाव बिना पूर्व सूचना के किए जाते हैं, जिससे उनकी तैयारी प्रभावित होती है। उदाहरण के लिए, एसएससी सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा के पैटर्न में हुए बदलावों को लेकर छात्रों ने आपत्ति जताई थी।

2. परीक्षा परिणामों में देरी और अनियमितताएं

एसएससी परीक्षाओं के परिणामों में अक्सर देरी होती है, जिससे छात्रों का समय और मानसिक तनाव बढ़ता है। इसके अलावा, कई बार रिजल्ट में त्रुटियां भी पाई गई हैं, जिससे छात्रों का विश्वास संस्था के प्रति कम होता जा रहा है।

3. पेपर लीक और धांधली के आरोप

पिछले कुछ वर्षों में एसएससी परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कई घटनाएं सामने आई हैं। इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं और मेहनतकश छात्रों को नुकसान उठाना पड़ता है। छात्र संगठनों का आरोप है कि कुछ लोग अवैध तरीकों से परीक्षा में सफल हो जाते हैं, जबकि ईमानदार छात्र पीछे रह जाते हैं।

4. कोरोना काल में परीक्षाओं का स्थगन

कोविड-19 महामारी के दौरान एसएससी परीक्षाओं को कई बार स्थगित किया गया, जिससे छात्रों की तैयारी और भविष्य की योजनाएं प्रभावित हुईं। हालांकि यह एक वैश्विक संकट था, लेकिन छात्रों का मानना है कि परीक्षा आयोजित करने के लिए बेहतर वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती थी।

5. ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली में तकनीकी खामियां

एसएसी ने हाल के वर्षों में कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) प्रणाली को अपनाया है, लेकिन कई छात्रों ने इस प्रक्रिया में तकनीकी समस्याओं की शिकायत की है। कुछ मामलों में सर्वर क्रैश होने या नेटवर्क समस्याओं के कारण छात्रों को परीक्षा देने में दिक्कतें आई हैं।


छात्रों और शिक्षकों की मांगें

विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र और शिक्षक संगठन एसएससी से कुछ महत्वपूर्ण सुधारों की मांग कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया: छात्र चाहते हैं कि परीक्षा आयोजित करने और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो। उनका सुझाव है कि ओएमआर शीट और उत्तर कुंजी सार्वजनिक की जाए ताकि छात्र अपने अंकों की पुष्टि कर सकें।
  2. पेपर लीक रोकने के उपाय: परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
  3. परीक्षा कैलेंडर का पालन: छात्रों की मांग है कि एसएससी द्वारा घोषित परीक्षा तिथियों का सख्ती से पालन किया जाए और बिना वजह परीक्षाएं स्थगित न की जाएं।
  4. तकनीकी सुधार: कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं में तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और परीक्षा केंद्रों पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाए।
  5. शिकायत निवारण तंत्र: छात्रों के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाए, ताकि उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके।

सरकार और एसएससी की प्रतिक्रिया

छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार और एसएससी ने कुछ सुधारात्मक कदम उठाए हैं:

  • परीक्षा प्रक्रिया में सुधार: एसएससी ने हाल ही में परीक्षा आयोजन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
  • डिजिटल निगरानी: परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों और बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य किया गया है ताकि नकल रोकी जा सके।
  • छात्रों से संवाद: कुछ मामलों में एसएससी ने छात्र नेताओं के साथ बैठकें करके उनकी शिकायतों को सुना है और समाधान का आश्वासन दिया है।

हालांकि, छात्र संगठनों का मानना है कि अभी भी कई मुद्दों पर ठोस कार्रवाई की जानी बाकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *