
मुख्य हाइलाइट्स
- भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज़ के चौथे टेस्ट में, वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने शानदार शतक लगाकर भारत को इंग्लैंड के खिलाफ एक उल्लेखनीय ड्रॉ दिलाया।
- इंग्लैंड के पहली पारी के 669 रनों ने भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों की वापसी ने हार को टाल दिया।
- भारत ने अपनी दूसरी पारी में 425/4 का स्कोर बनाया, जिसमें शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर का उल्लेखनीय योगदान रहा।
- जडेजा और सुंदर के बीच 203 रनों की शानदार साझेदारी ने इंग्लैंड को पाँचवें दिन निराश कर दिया।
मौसम की रुकावटों ने अंतिम दिन के खेल को और रोमांचक बना दिया, जिससे महत्वपूर्ण क्षणों में गति बदल गई।
ड्रा हुए मैच के बावजूद, इंग्लैंड 2-1 से आगे चल रहा है और सीरीज़ में आगे बना हुआ है, और पाँचवाँ टेस्ट यह तय करेगा कि भारत स्कोर बराबर कर पाता है या नहीं।
परिचय
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज़ के चौथे टेस्ट मैच में लोगों ने क्रिकेट के सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक देखा। भारत के बल्लेबाज़ वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया और भारत को इंग्लैंड के साथ ड्रॉ कराने में मदद की। पहली पारी में इंग्लैंड की मज़बूत शुरुआत के बाद, भारत मुश्किल में दिख रहा था। लेकिन इन दोनों बल्लेबाज़ों के साहसिक खेल ने सभी प्रशंसकों को कुछ यादगार पल दिए। हिंदी कमेंट्री ने पूरे भारत के लोगों के लिए मैच को और भी मज़ेदार बना दिया। अब, हर कोई पाँचवें टेस्ट पर नज़र रखेगा, यह देखने की उम्मीद में कि क्या भारत सीरीज़ बराबर कर पाता है।
भारत बनाम इंग्लैंड, पाँचवाँ दिन: वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा के शानदार शतकों के साथ चौथा टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त

भारत बनाम इंग्लैंड, चौथे टेस्ट के पाँचवें दिन क्रिकेट की असली खूबसूरती देखने को मिली। वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने कड़ी मेहनत की और शानदार शतक जड़े। दोनों ने समय और इंग्लैंड की टीम के खिलाफ तेज़ी से आगे बढ़े। उनके खेल ने न केवल मैच बचाया, बल्कि भारतीय प्रशंसकों में उम्मीद भी जगाई। अब सीरीज़ 2-1 से बराबर है, यानी अभी भी मुकाबला खुला है। सुंदर ने अपना पहला शतक जड़ा, जबकि जडेजा दबाव में भी शांत रहे। इससे भारत मैच हारने से बच गया।
इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 669 रनों का विशाल स्कोर बनाया था। वे इतिहास रचने की कगार पर थे। लेकिन सुंदर और जडेजा डटे रहे। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों को मैच जीतने से रोक दिया। इससे भारत को ड्रॉ कराने में मदद मिली। उनकी 203 रनों की नाबाद साझेदारी चौथे टेस्ट का सबसे बड़ा पल था। यह बारिश की देरी और इंग्लैंड की योजनाओं से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण था। क्रिकेट प्रेमियों की नज़र अब ओवल में होने वाले आखिरी टेस्ट पर है। प्रशंसक देखना चाहते हैं कि क्या भारत का जुझारूपन सीरीज़ बराबर कर पाएगा।
वाशिंगटन सुंदर के जुझारू शतक ने भारत को मैच में बनाए रखा
वाशिंगटन सुंदर के शानदार शतक ने भारत को चौथे टेस्ट मैच के पाँचवें दिन हार से बचने का मौका दिया। वह मुश्किल समय में क्रीज पर उतरे। सुंदर ने दिखाया कि जब इंग्लैंड उन पर भारी दबाव बना रहा था, तब उनके हाथ शांत और स्थिर थे। उन्होंने 101 रन बनाए और आउट नहीं हुए। उन्होंने पारी को संभाले रखा और हर शॉट के लिए सही समय चुना।
चौथे टेस्ट में सुंदर की सबसे अच्छी बात यह थी कि उन्होंने अच्छी साझेदारियाँ कीं और तनाव में रहते हुए भी स्कोर को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपना ध्यान नहीं खोया, यहाँ तक कि बेंजामिन स्टोक्स का सामना करते हुए या जब जोफ्रा आर्चर ने उछाल से मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की, तब भी नहीं। यही वजह है कि अब कई लोग उन्हें भारत के उभरते हुए क्रिकेट सितारों में से एक मानते हैं।
भारत के लिए, सुंदर के पहले टेस्ट शतक ने न केवल यह दिखाया कि वह एक खिलाड़ी के रूप में क्या कर सकते हैं। इसने यह भी दर्शाया कि मुश्किल दिन में टीम कितनी मज़बूत होती है। जडेजा की मदद से, सुंदर की पारी ने चौथे टेस्ट में इंग्लैंड के गेंदबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। इस वजह से वे सीरीज़ जल्दी खत्म नहीं कर पाए, इसलिए अब दोनों टीमें आगे के खेल के लिए तैयार हैं। आखिरी मैच में असली रोमांच देखने को मिलेगा।
दबाव में रवींद्र जडेजा का शानदार शतक
रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में अपने शतक के साथ एक अहम खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई। वह मुश्किल हालात में मैदान पर उतरे, लेकिन उन्होंने धैर्य बनाए रखा। उनके सहज कौशल और बेहतरीन टाइमिंग ने उन्हें 107 रन बनाने में मदद की। उनके द्वारा लगाए गए हर चौके ने दिखाया कि जब ज़रूरत हो, तब वे कमाल कर सकते हैं।
जडेजा ने चौथे टेस्ट में भारत की दूसरी पारी के दौरान काफ़ी दबाव झेला। उन्होंने टीम को संभालने में मदद की और वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई। पाँचवें दिन उनकी साझेदारी मज़बूत रही और जैसे-जैसे समय बीतता गया, यह और मज़बूत होती गई। दोनों ने मिलकर 203 रनों की विशाल साझेदारी की और धीरे-धीरे भारत के पक्ष में स्थिति बदल गई।
जडेजा का क्रीज़ पर बिताया गया समय सिर्फ़ उनके बनाए रनों से कहीं ज़्यादा था। इससे पता चलता है कि मुश्किल समय में आप उन पर भरोसा कर सकते हैं। उनके प्रदर्शन ने भारत को चौथे टेस्ट में ड्रॉ कराने में मदद की, जिससे इंग्लैंड जीत हासिल करने से रुक गया और सीरीज़ में और आगे बढ़ गया।
शुभमन गिल का बल्ले से ठोस योगदान
चौथे टेस्ट में शुभमन गिल का क्रीज़ पर बिताया गया समय उनके साहस और सहज शैली, दोनों को दर्शाता है। आखिरी दिन, उन्होंने भारत को उम्मीद दी। जब भारत ने दूसरी पारी शुरू की, तो गिल केएल राहुल के साथ डटे रहे और दोनों ने बिना कोई विकेट खोए 373 गेंदों तक साथ खेला। गिल के 103 रन ने दिखा दिया कि