
परिचय
बिहार के 243 सीटों वाले विधान सभा चुनाव 2025 का पहला चरण 6 नवंबर को 121 विधानसभा क्षेत्रों में हो रहा है। इस चरण को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह चुनाव राज्य की राजनीति के अगले कई सालों को प्रभावित कर सकता है। मतदान से पहले ही राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं, मुद्दों की बहस ज़ोर-शोर से चल रही है, और जनता की उम्मीदें भी ऊँची हैं।
मुख्य बिंदु
1. क्षेत्र-वार विवरण
पहले चरण में कुल 121 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, जो 18 जिलों में फैले हैं। इस चरण में 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं।
उदाहरण के लिए:
- Tejashwi Yadav (रुझुआ) जनता दल (राजद) के प्रमुख उम्मीदवारों में से एक हैं।
- Samrat Choudhary (भाजपा) भी एक माकूल मुकाबले में हैं।
2. प्रमुख विषय और चुनौतियाँ
- विकास बनाम सामाजिक-समानता: दोनों बड़े गठबंधन इस बार इसी टकराव के बीच खड़े हैं।
- मतदाता सूची व संपत्ति-दोष (criminal-background) जैसे विषय केंद्र में हैं। उदाहरण के लिए, पहले चरण में लगभग 32% उम्मीदवारों पर आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी सामने आई है।
- मतदान प्रक्रिया की तैयारी: मतदान केंद्रों, दिव्यांगों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है।
3. राजनीतिक दलों की रणनीति
- Bharatiya Janata Party (भाजपा)-के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) इस पहले चरण में बढ़त बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
- वहीं Rashtriya Janata Dal (राजद)-केंद्रित महागठबंधन (माहगठबंधन) सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों, युवाओं व महिलाओं को लुभाने का प्रयास कर रहा है।
- इस बार तीसरे मोर्चे तथा नए दलों-उम्मीदवारों की भी भूमिका देखने को मिल रही है, जिससे चुनावी समीकरण और जटिल हो गया है।
निष्कर्ष
पहले चरण के मतदान के बाद राज्य की राजनीतिक दिशा अधिक स्पष्ट हो जाएगी। यह निश्चित है कि इस चुनाव में वोटरों की संख्या, दलों की रणनीति, उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि और चुनावी मुद्दों का संग-मिलकर असर दिखेगा। जब परिणाम आएँगे (14 नवंबर को) तो यह साफ होगा कि बिहार की राजनीति ने किस दिशा को चुना है।